Sunday, 3 May 2020

कोरोना का कोहराम और सुखद सवेरा (CORONA KA KOHRAM AUR SUKHAD SAVERA)

मानव की वैज्ञानिक जिद्द से मानवता भी हारी है
कोरोना के कोहराम से पस्त ये दुनिया सारी है
सुनसान है सड़के वह जो जलधारा सी बहती थी
विकल है भारत माता जो थोड़े तो सुख में रहती थी
जनजीवन अब व्यथित है पीछे बैठ किवाडों से
यूं लगता है, भारत मां पर पत्थर टूटे पहाड़ों से
सावधानी सीख लीजिए और जागरूकता लाना है
कोरोना से लड़ने में भारत को अव्वल आना है
खूब साथ दिया है अब तक सत्ता के गलियारों नें
तन,मन,धन से सेवा की है भारत मां के प्यारों ने
निर्दोषों पर प्रहार किया है कोरोना के तीरों ने
लगातार तैनाती दी है भारत मां के वीरों ने
उम्मीदों पर अडिग है रहना, जीवन पटरी पर आएगा
अंधियारा छठ जाएगा और सुखद सवेरा आएगा
कोरोना पर भारतवासी फिर गीत खुशी के गाएंगे
या तो यूं ही रुक जाता है,नहीं तो तब तक वैक्सीन बनाएंगे
लौटेगा मानव संसाधन, उद्योगों और बाजारों में
रंग वही चमकेंगे फिर से तीज और त्योहारों में
जीवन एक सफर है जिसमें पत्थर भी आ जाते हैं
बुद्धि और अध्यात्म से हम जीत हमेशा जाते हैं

          " एक सलाम कोरोना योद्धाओं के नाम"


         देश हित में कार्य करें एवं कोरोना से जीतने में सहायता           करें।


          जय हिंद ,जय भारत,जय भारतीय वीर,जय भारतीय।            सेना,जय कोरोना योद्धा
  

11 comments:

  1. बहुत खूब
    कोरोना हारेगा, देश जीतेगा।

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  2. अति मनोरम 🙏🙏

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  3. बहुत ही अच्छा लिखा है
    Very Good😊😊😊

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  4. अर्थव्यवस्था और प्रकृति का रिश्ता है बड़ा अनूढ़ा,
    अर्थव्यवस्था गिरती हैं तो प्रकृति बचती हैं!!
    क्यू ना ऐसा कि दोनों ही संतुलित हो जाये,
    कुछ जिम्मेदारी और नियम अपना कर देश धर्म निभाए!!
    जाति-धर्म छोड़कर मिलकर अब चलना हैं,
    देश हित में प्रेरित हर कदम को चढ़ना हैं!!
    Bharat mata ki jay...

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  5. अति उत्तम राजेंद्र भाई

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  6. Very nice rajendra. I am proud of u. Heart touching lines

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