Friday, 8 May 2020

पत्थरबाजी छोड़ो,शिक्षा से नाता जोड़ो


कश्मीरी घाटी में अब पत्थर बरसाना छोड़ो तुम
आंतकियों की गाना है तो,भारत का खाना छोड़ो तुम
भारत के स्वर्ग में कोलाहल मचाकर रखा है
आज भी घाटी में क्यों आतंक बचाकर रखा है?
गद्दारी की साजिश को सत्ता बार बार ना माफ करे
राहों पर बढ़ने से पहले चप्पलों से कंकड़ साफ़ करे
बार बार पीटा जाता है भारत माँ के प्यारों को
पनाह घरों में दी जाती है सेना के हत्यारों को
नन्ही आँखें छिपकर कोने में बार बार जो रोती है
कुछ पत्थर दिल इंसानों को तो पीड़ा भी नहीं होती है
नीम और करेला का संयोग हुआ क्यों घाटी में
खरपतवार कहाँ से आया इस सोने की माटी में
कठपुतलियों का खेल ये जो खुब हुआ अब बंद करो
बेकारी छोड़ो और जागो शिक्षा का प्रबंध करो
गद्दारी घर से ना हो तो कोई कैसे प्रहार करे
भेड़ियों (आतंकी) की क्या औकात जो सोते शेरों पर वार करे
दो टूक भारत कहता है ज्ञान से नाता जोड़ो तुम
पिछला वक्त अब चला गया,पत्थर बरसाना छोड़ो तुम

1 comment:

  1. अति उत्तम लेखनी 👌✌👍🥰🇮🇳

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