Thursday, 14 May 2020

सावधानी हठी, दुर्घटना घटी-सड़कों पर घमासान


परिवहन के साधनों ने बौनी कर दी दूरियाँ
वायुवेग से क्यों उड़ते हो,ऐसी भी क्या मजबूरियाँ
आसान नहीं है जिन्दगी,ना ही जूए का खेल है
चारों ओर जो सड़कों पर वाहनों की रेलम पेल है
खुब चढ़ी परवान जवानी,माना कि चढ़ता खून है
पर जल्दबाजी से मरने का यह कैसा जुनून है
क्यों लेते हो जान परायी,अपने कमाये पैसों पर
वाहन चलाना है क्या जरूरी ,शराब के आदेशों पर
हाथ,पैरों और ध्यान का,अब उत्तम संयोग करो
शिरस्त्राण और सीट बेल्ट का हमेशा प्रयोग करो
निर्धारित सीमा में हमेशा नियंत्रित जो चाल रहे
सावधानी बरतें सब,दुनिया का बढिया हाल रहे
राह चलते राही को ना आशंका हो टक्कर की
सड़कों पर ना रंजिश निकले दुश्मनी के चक्कर की
नियमावली के अनुसरण से ऊँचे तुम जज्बात करो
वाहन चलाते समय समय कभी ना दूरभाष पर बात करो
दुर्घटना की कहानियों से ना आये आंसू आंखों के
निर्दोषों का जीवन ना गुजरें,पीछे बैठ सलाखों के
जो समझ सके इंसान को,वही तो इंसान है
जल्दी जागो भारतवासी,सड़कों पर घमासान है

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