पचपन कि.मी. पहाड़ तोड़ना लगता कितना भारी है
दशरथ मांझी के साहस से परेशानियां हारीं हैं
गूदड़ी का लाल भी शिक्षा में अव्वल आया है
अभिप्रेरणा की ताकत से विराट दुनिया में छाया है
वैज्ञानिक उपलब्धियों से ही श्री कलाम को सलाम हुआ
अभिप्रेरणा के चलते ही अमर,अटल जो नाम हुआ
शैय्या पर सोते रहने से बल्ब बनाया जाता क्या
अभिप्रेरणा ना होती तो जश्न मनाया जाता क्या
सबकुछ खोकर आए हैं जो अब भी सोकर आए हैं
हिमादास से नाम भी अभिप्रेरित होकर आए हैं
अभिप्रेत किरदार होता है हर रोमांचक कहानी का
प्रेरणा की ओर ही चलता है खून जवानी का
कोयले बिन नहीं जलेगी, लक्ष्य की अंगीठी भी
बार-बार प्रयास कैसे करती नन्ही चींटी भी
अभिप्रेरित व्यक्ति ने देखा ना छाया,धूप है
सच्चे अर्थों में अभिप्रेरणा ऊर्जा का ही रूप है
भूल जाओ बुरा समय आज तक जो बीता है
अंत तक लड़ने वाला तो हारकर भी जीता है
जीवन धन्य हो जाता है, अभिप्रेरित व्यक्ति का
अंदाजा नहीं लगा सकते तुम प्रेरणा की शक्ति का
तूफानों से लड़कर भी,अब पार जो कश्ती करना है
लक्ष्य ऐसा ठाना है जो बनकर हस्ती मरना है
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