Saturday, 9 May 2020

बहनों के लिए कविता (A poem for sisters)

भूगोल से खगोल तक बहनों ने नाम कमाया है
बहनों के तेज़ प्रताप से भाग्य भी ज़रा सरमाया है
जिस भाई के बहन नहीं,उसका जीवन एक रोना है
भाई - बहन के संबंध को दिल से मानें तो  सोना है
पवित्रता का अद्वितीय परिचायक त्योहार यह रक्षाबंधन है
बहन बिना भाई का जीवन सदा रहा क्रन्दन है
जिस घर बहन नहीं है उस घर देवों का प्रवेश नहीं
बहन उपस्थित हो जाए तो कोई खूबी शेष नहीं
मध्यकाल में बहनों को अंधविश्वासों ने जकड़ा था
असीम प्रतिभा के सागर को कुप्रथाओं ने पकड़ा था
धीरे -धीरे फिर से उनकी शिक्षा की शुरुआत हुई
सबसे अव्वल आई बहनें बड़ी खुशी की बात हुई
मन में जब ठानी तो उन्होंने ज्ञान और कौशल का पता दिया
अवसर मिलते ही बहनों ने मुहं पर दुनिया को बता दिया
संस्कार और संस्कृति को गांव - गांव ले जाती है
सारी दुनिया को, सभ्यता का वो पैगाम सुनाती है
समय रहते समझकर बहनों का गुणगान करो
मानव रथ के इस भाग का तन - मन से सम्मान करो
दूध से उज्ज्वल मूल्यों में ना पाश्चात्य की दुर्गंध करो
अपनी हो या हो परायी शिक्षा का प्रबंध करो

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