Saturday, 16 May 2020

दोस्ती की परिभाषा (Definition of friendship)


शाबाशी तुझको ही देती,तुझे ही दुनिया कोसती
तेरे संग मैं चल रहा ज़रा संभलकर चलना दोस्ती
विश्वासों के नाम पर आदर्श यज्ञ जानी जाती
जाती
संगति के क्षेत्र में विशेषज्ञ मानी जाती
डूबती नौका को भी भवसागर पार करा दे तू
छल-कपट मन में आ जाए ,जीत की हार करा दे तू
सच्चा साथी होता है जो जान से ज्यादा प्यार करे
प्रतिपुष्टि देता रहे और कमियों का इज़हार करे
कृष्ण जी की ज़रूरत क्या ,जब अर्जुन खुद ही महारथी
फिर भी उन्होंने क्यों कहा बन जाओ मात्र सारथी
वह है सच्ची मित्रता जो ओछे बोल नहीं बोलें
छीटांकशी के नाम पर अपने को मोल नहीं तोले
आग और पानी तुम कभी गठबंधन ना जोड़ो
विश्वासों की डोर को संदेह के चलते मत तोड़ो
धन-धान्य सी चीज ना लाओ दोस्ती के बीच में
वरना यह तो कमल है ऐसा,कभी ना खिलता कीच में
दोस्त भले तुम एक ही पालो,दूध सा उज्ज्वल पालो तुम
ह्रदय की सुन्दरता परखों , मन से मुखड़ा निकालो तुम
सच्चे मीत मिलें व्यक्ति का जीवन ही तो ठाठ हैं
ध्यान रहे टूकड़े धागे के जुड़ते नहीं बिन गांठ हैं

4 comments:

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    1. Thank you respected sir ji for your great motivation.
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  2. दोस्ती पर दिल की गहराई का ऐसा भाव देखकर मन गदगद हो गया

    दिल छू लिया भाई आपने

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  3. प्रिय पाठक
    आपके सम्मान और प्यार के लिए धन्यवाद।
    हमारे ब्लॉग शिक्षा परिदर्शन को निरन्तर विजिट करते रहें।

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