Thursday, 4 June 2020

सेना पर राजनीति क्यों (why the politics on our military) ?


नमस्कार ब्लॉगर परिवार
हमारी सेना हमारा गौरव है,लेकिन हमारे देश के कुछ (सभी कदापि नहीं) राजनेताओं के मन में वीरों के शौर्य पर भी तुच्छ स्तरीय राजनीति करने की महत्ती इच्छा हिलोरें मारती है। इंसानों की स्वार्थवादिता की इस पराकाष्ठा पर हमारी स्वरचित कविता प्रस्तुत है-

धर्म नहीं है उसका कोई,ना ही कोई जाति है
रक्षा के प्रयोजन से वह सदा ही आगे आती है
अखण्ड है भारत की ज्योति,जग को यही बताती है
भारत की सेना ने जो सदा ही तानी छाती है
कश्मीरी घाटी में अब ये गद्दारी का कहर क्यों
वीरों की शहादत पर भी ये राजनीति का ज़हर क्यों
ना बोलना आए तो इस जिव्हा को सहेजे फिर
राजनीति करने वाले भी अपने बेटों को भेजें फिर
चिराग किसी का चला जाए तो अपनी रोटी सेंकते
राजनीतिक स्वार्थ हेतु पत्थर बनकर देखते
सेना की शक्ति पर प्रश्न चिह्न लगाना सही नहीं
राजनीति का ऐसा स्तर देखा हमने कहीं नहीं
कोयले की दलाली में जो हाथ इनके काले हैं
सेना से सबूत मांगते खुद ने किये घोटाले हैं
पाकिस्तान की होती पिटाई,इनके दिल क्यों घबराते
जनता को बेवकूफ बनाकर झूठ बोलने का खाते
पत्थरबाजों की साजिश पर अब तक गुंगे बने हुए
औरों क्या शिक्षा देंगे,खुद कीचड़ में सने हुए
तीन सौ सत्तर चली गई तो इनको इतना कष्ट हुआ
आंखों में धूल झोंकने का वो तंत्र कितना नष्ट हुआ


जय हिंद,जय भारत

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