नमस्कार मित्रों
आज मैं भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को याद करने के लिए एक मौलिक कविता लेकर प्रस्तुत हूँ,गौरतलब है कि राजनीतिक विज्ञान के इस खण्ड से हमेशा प्रश्न पूछे जाते रहें हैं
[ {संविधान भाग-3, अनुच्छेद 12-35}-अमेरिकी संविधान से लिए गए हैं ]
हमने सुना है विधि के समक्ष ,होते हैं समान सब (Art. 14)
इसलिए महत्व नहीं रखते धर्म,लिंग,स्थान सब (Art. 15)
समान अवसर मिलेंगे सबको अब तो लोक नियोजन में (Art. 16)
अस्पृश्यता नहीं करेंगे किसी के घर पर भोजन में (Art. 17)
इन गुणों को मान लिया तो वह भारतीय संत है
इसी नाम पर उस मानव की उपाधियों का अंत है (Art. 18)
स्वतंत्रता के मामले में सबको काफी छूट है(Art. 19)
दोषसिद्धि से संरक्षण का 20-20 कूट है (Art. 20)
स्वतंत्रता मिल चुकी है सबको प्राण और देह की (Art. 21)
नि:शुल्क शिक्षा इसमें मिलेगी लद्दाख और लेह की (Art. 21A)
बिना कारण बताए तो फिर करता कोई बन्द नहीं
विदेशियों हेतु इसमें ऐसा कोई प्रबंध नहीं (Art. 22)
सन् 23 तक यह लक्ष्य है ना किसी का शोषण हो (Art. 23)
24 तक बच्चों का ना उद्योगों में कुपोषण हो (Art. 24)
कोई नहीं पाबंदी तुम तो किसी धर्म को मान लो (Art. 25)
धार्मिक प्रबंध के सारे सूत्र तुम जान लो (Art 26)
धर्म के प्रचार पर जो किसी तरह का कर नहीं (Art. 27)
राजकीय शिक्षण में फिर जो कोई धार्मिक (+उपदेश) सर नहीं (Art. 28)
अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का सदा संरक्षण हो (Art. 29)
रुचि की वे(अल्पसंख्यक) शिक्षा देंगे जो मूल्यों का ना भक्षण हो (Art. 30)
भारत ऐसी धरती हमारी,हमको इससे प्यार है
अधिकार छीने तो कोई संवैधानिक उपचार है (Art. 32)
आज मैं भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को याद करने के लिए एक मौलिक कविता लेकर प्रस्तुत हूँ,गौरतलब है कि राजनीतिक विज्ञान के इस खण्ड से हमेशा प्रश्न पूछे जाते रहें हैं
[ {संविधान भाग-3, अनुच्छेद 12-35}-अमेरिकी संविधान से लिए गए हैं ]
हमने सुना है विधि के समक्ष ,होते हैं समान सब (Art. 14)
इसलिए महत्व नहीं रखते धर्म,लिंग,स्थान सब (Art. 15)
समान अवसर मिलेंगे सबको अब तो लोक नियोजन में (Art. 16)
अस्पृश्यता नहीं करेंगे किसी के घर पर भोजन में (Art. 17)
इन गुणों को मान लिया तो वह भारतीय संत है
इसी नाम पर उस मानव की उपाधियों का अंत है (Art. 18)
स्वतंत्रता के मामले में सबको काफी छूट है(Art. 19)
दोषसिद्धि से संरक्षण का 20-20 कूट है (Art. 20)
स्वतंत्रता मिल चुकी है सबको प्राण और देह की (Art. 21)
नि:शुल्क शिक्षा इसमें मिलेगी लद्दाख और लेह की (Art. 21A)
बिना कारण बताए तो फिर करता कोई बन्द नहीं
विदेशियों हेतु इसमें ऐसा कोई प्रबंध नहीं (Art. 22)
सन् 23 तक यह लक्ष्य है ना किसी का शोषण हो (Art. 23)
24 तक बच्चों का ना उद्योगों में कुपोषण हो (Art. 24)
कोई नहीं पाबंदी तुम तो किसी धर्म को मान लो (Art. 25)
धार्मिक प्रबंध के सारे सूत्र तुम जान लो (Art 26)
धर्म के प्रचार पर जो किसी तरह का कर नहीं (Art. 27)
राजकीय शिक्षण में फिर जो कोई धार्मिक (+उपदेश) सर नहीं (Art. 28)
अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का सदा संरक्षण हो (Art. 29)
रुचि की वे(अल्पसंख्यक) शिक्षा देंगे जो मूल्यों का ना भक्षण हो (Art. 30)
भारत ऐसी धरती हमारी,हमको इससे प्यार है
अधिकार छीने तो कोई संवैधानिक उपचार है (Art. 32)
बहुत सुन्दर रचना। चाहो तो इसे फेसबुक मे भी शेयर कर सकते हो। अगर कहो तो मे भी कर सकता हू। करना हो तो मेरे ब्लाग मे किसी भी लेख मे कमेन्ट करते हुए बता देना। सदा सुखी रहो।
ReplyDeleteDhanyvad sir ji
DeleteBahut badiya bhai
ReplyDeleteThank you bhai
DeleteShandaar
ReplyDeleteThanks Manish ji
ReplyDeleteThank you sir
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