Monday, 21 January 2019

Mock UNO, शिक्षा के क्षेत्र में एक नया प्रयोग, परिष्कार

नमस्कार ब्लागर परिवार
स्थान-परिष्कार कॉलेज आफ ग्लोबल एक्सीलेंस                   जयपुर,राजस्थान(भारत)
तिथि-21जनवरी 2019
कार्यक्रम का नाम-Mock UNO का आयोजन
आज परिष्कार कॉलेज ऑफ ग्लोबल एक्सीलेंस जयपुर में मॉक यूएनओ का आयोजन किया गया ।यह आयोजन राजनीतिक विज्ञान विभाग परिष्कार कॉलेज की ओर से किया गया। इसमें बी ए प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के राजनीतिक विज्ञान के छात्रों ने तथा एकीकृत B.Ed प्रथम वर्ष के छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को यूएनओ की कार्यशैली से परिचित करवाना था। इस कार्यक्रम की में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ राजेश शर्मा जी (राजस्थान विश्वविद्यालय) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।इस स्वर्णिम कार्यक्रम के अवसर पर परिष्कार कॉलेज के निदेशक डॉ राघव प्रकाश जी ने विद्यार्थियों से अपील की कि वह अपने आप को किसी गांव राज्य या भारत का नागरिक न मानकर अपने अंदर विश्व नागरिकता का विकास करें ।क्योंकि प्राचीन भारतीय संस्कृति का  वक्तव्य है "वसुधैव कुटुंबकम"  अर्था थे संपूर्ण पृथ्वी ही हमारा परिवार है ।उसमें न केवल मानव अपितु संपूर्ण प्राणी जीवन और वनस्पति जगत शामिल है ।इस कार्यक्रम में परिष्कार कॉलेज के छात्रों ने  लगभग 60 विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करके वर्तमान में अपना कहर बरपा रही निम्न  पर्यावरणीय समस्याओं पर चर्चा की-
1- मरुस्थलीकरण
2- हरित गृह प्रभाव
3- संकटग्रस्त प्रजातियाँ
4- शस्त्रीकरण
5- समुद्री जल प्रदूषण
6-  वनों की कटाई
7- ओजोन क्षय
8- जैव विविधता
9- अम्लीय वर्षा
10- ग्लेशियरों का पिघलना
11- पेयजल समस्या
12- वैश्विक उष्णन
13- कृषि में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग

 इन समस्याओं पर विद्यार्थियों द्वारा वैश्विक दृष्टिकोण से चर्चा की गई ।तथा मैंने इस चर्चा के माध्यम से इन समस्याओं के निदान के बारे में जो कुछ निष्कर्ष निकाला वह निम्न प्रकार है-

पर्यावरणीय समस्याएं एक वैश्विक मुद्दा है जिनके लिए न केवल एक विशिष्ट राष्ट्र या समाज का विशिष्ट तबका जिम्मेवार है अपितु इनके लिए संपूर्ण मानवीय समुदाय जिम्मेवार है ।पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान विभिन्न राष्ट्रों द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप द्वारा कदापि संभव नहीं हो सकता । इसके लिए सभी को अपनी भूमिका का कर्तव्यनिष्ठता
 पूर्वक  निर्वहन करना होगा पर्यावरणीय समस्याओं का शीघ्र अतिशीघ्र समाधान निकालना अत्यावश्यक है। अन्यथा मानवता काल के गाल में समा सकती है। हमको पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के लिए एकीकृत मिशन भाव से काम करना होगा क्योंकि कभी भी अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है ।लेकिन एक व्यक्ति जो दूसरों से करवाना चाहता है उसकी शुरुआत वह खुद करें यह कहीं अधिक उपयुक्त वक्तव्य हैं।इनके समाधान के लिए विश्वस्तरीय  कार्यक्रम चलाए जावे तथा समूचा विश्व पृथ्वी को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हो



एक विद्यार्थी के रूप में इस कार्यक्रम में भाग लेकर मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता हूं ऐसे कार्यक्रम विश्वविद्यालय स्तर पर व्यापक रूप से चलाए जाने चाहिए इससे शिक्षा का सार्वभौमीकरण होता है तथा विद्यार्थी किताबी ज्ञान को अपनी वास्तविक जिंदगी से जोड़ पाने में संभव होते हैं वास्तव में यह परिष्कार कॉलेज का सराहनीय प्रयास है

धन्यवाद
भवदीय
राजेन्द्र




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