नमस्कार,
आजकल जब भी आप किसी भी व्यक्ति से law of attraction या फिर The secret book के बारे में सुनते या यह सुनते हैं कि इसके द्वारा आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं तो आपके जहन में कई प्रश्न आते होंगे जैसे कि -
क्या इसके द्वारा हम सच में जो चाहते है बो प्राप्त कर सकते है ।
और यदि यह सत्य है , कार्य करता है तो इसे किस प्रकार से उपयोग में ले।
या फिर आखिर ये law of attraction है क्या ।
तो आज का ब्लॉग आपके लिए ही है।
तो चलिए शुरू करते हैं।
What is the law of attraction :-
Rhonda Byrne नामक लेखक अपनी पुस्तक The secret में एक ऐसे रहस्य के बारे में दावा करते है जिसके द्वारा हम जो चाहते हैं वो प्राप्त कर सकते है बस इसके लिए हमें 3 चरणों का अनुसरण करना पड़ेगा ।
1 - Ask :- माँगो तुम जो प्राप्त करना चाहते हो कुदरत तुम्हे सब देगी।
2 - Belive :- विश्वास रखो जो तुमने माँगा है बो तुम्हें मिल ही जाएगा और उसके बारे में सोचते रहो की जैसे तुम्हे बो मिल ही गया है।
उदहारण के लिए तुम्हे ख़ुद का एक घर चाहिए । तो यह सोचते रहो की तुम्हे घर मिल गया है ओर तुमने उसमे रहना भी चालू कर दिया है।
law of attraction को मानने वाले विद्वानों का मानना है कि हमारे मस्तिष्क से सकारात्मक किरणे (positive Waves) निकलती रहतीं हैं और बैसी ही चीज़ों को आकर्षित करती हैं।
3 - Achieve:- और जब आप इन दोंनो चरणों को पूरा कर लेंगे तो बो चीज़ तुम्हे मिल ही जाएगी।
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अब सबसे बड़ा सवाल आता है कि क्या यह सच में काम करता है।
अब सबसे बड़ा सवाल आता है कि क्या यह सच में काम करता है।
यदि हम इसके कार्य करने या ना करने के बारे में बात करे तो हम एक असमंजस की स्थिती में आ खड़े होते हैं।
मेरे इस लॉ के बारे में कुछ व्यक्तिगत उदाहरणों के बारे बताऊ तो एक उदाहरण में आपके सामने रखता हूँ।
:- जब में 12वीं कक्षा में था तब हमारे हिंदी के शिक्षक की दहशत पूरे विद्यालय में थी एक दिन की बात है उन्होंने हामिद का चिमटा नामक एक पाठ पूरा पढ़ा दिया और बोला की यदि किसी के कुछ समझ नही आया हो तो बता दो। तो पता नही मेरे एक दोस्त निखिल के मस्तिष्क ने ना जाने कौनसी positive Waves पकड़ी और हाथ ऊपर करके पूछा की sir ये हामिद कौन है। इसको सुनते ही sir ने बेचारे निखिल की जो क्लास ली बो उसके लिए नाकाबिले बर्दाश्त थी। और उसके मन में एक विचार आया कि sir अपनी कुर्शी से गिर जाए और उनकी टांग टूट जाये और बस वह पूरे दिन इसके बारे में सोच सोच कर मन ही मन हंसता रहता यदि इस समय बात करे तो बो law of attraction को पूरी तरह से उपयोग में ले रहा था और एक दिन ऐसा आया कि खिड़की की तरफ से जोर से हवा चलना शुरू हो गयी सारे पेड़ जोर जोर से हिलने लग गए पर sir की कुर्शी थोड़ी सी भी नहीं हिली ।
अब निखिल ने सोचा कि ये कौनसी शक्ति है जो मेरी law of attraction की शक्ति से बड़ी है और उसने यह पूरी बात मुझे बताई तो हम सोचने लगे कि कौनसी शक्ति है ये और सोचते सोचते पता चला कि यह नारीशक्ति है अर्थात यह sir की wife की law of attraction की बो शक्ति है जो बो सालो से करवा चौथ के रूप में उपयोग में ले रही है।
तो हमने फिर सोचा की ये बस निखिल और मेरे law of attraction के बल पर नहीं होगा इसके लिए ज्यादा लोगो की जरूरत होगी और हमने इसमे और जो निखिल जैसे विचार रखते थे सबको लिया और श्रीमद्भागवत गीता में लिखे law of karma कर्म करो फल की चिंता मत करो को भी साथ में लिया और sir की कुर्शी की एक टांग तोड़ दी और उसे इस प्रकार रख दिया की बो टूटी हुई ना लगे और sir के आने का इंतजार करने लग गए और जैसे ही sir बैठने वाले थे उस्से पहले ही कुर्शी गिर गई और फिर sir ने निखिल और हम सबकी जो हालात की बो ........छोड़ो पुराने जख्मो को क्यों कुरेदें
अब निखिल ने सोचा कि ये कौनसी शक्ति है जो मेरी law of attraction की शक्ति से बड़ी है और उसने यह पूरी बात मुझे बताई तो हम सोचने लगे कि कौनसी शक्ति है ये और सोचते सोचते पता चला कि यह नारीशक्ति है अर्थात यह sir की wife की law of attraction की बो शक्ति है जो बो सालो से करवा चौथ के रूप में उपयोग में ले रही है।
तो हमने फिर सोचा की ये बस निखिल और मेरे law of attraction के बल पर नहीं होगा इसके लिए ज्यादा लोगो की जरूरत होगी और हमने इसमे और जो निखिल जैसे विचार रखते थे सबको लिया और श्रीमद्भागवत गीता में लिखे law of karma कर्म करो फल की चिंता मत करो को भी साथ में लिया और sir की कुर्शी की एक टांग तोड़ दी और उसे इस प्रकार रख दिया की बो टूटी हुई ना लगे और sir के आने का इंतजार करने लग गए और जैसे ही sir बैठने वाले थे उस्से पहले ही कुर्शी गिर गई और फिर sir ने निखिल और हम सबकी जो हालात की बो ........छोड़ो पुराने जख्मो को क्यों कुरेदें
■उस दिन हमें सीख मिली की मंशा ठीक ना हो तो कोई लॉ कार्य नही करता ।
◆◆यदि हम एक छोटे से उदाहरण को ओर ले कि यदि किसी भी बच्चे को कोई खिलौना चाहिए और उसके पिताजी उसके लिए मना करदे ओर बो बस इसके बारे मे ही सोचता रहे तो क्या उस्से बो खिलौना मिल जाएगा या वो अपनी पढ़ाई में भी मन नही लगा पाएगा ओर इसी बात की चिंता में रहेगा कि बो खिलौना मिल जाये।
Law of karma vs law of attraction:-
यदि लॉ ऑफ कर्मा और लॉ ऑफ अट्रेक्शन दोनो मैं तुलना करें तो दोनों एक दूसरे के विपरीत है यदि हम लॉ ऑफ कर्मा की बात करे तो श्री कृष्ण ने कहा है कि :-
कर्म करो और फल की चिंता मत करो।
और लॉ ऑफ अट्रेक्शन कहता है कि:-
फल की चिंता करो और उसकी ही कल्पना में खोये रहो।
■अब बात करे तो की इन दोनों में से कौनसा लॉ कार्य करता है तो मेरे विचार में ये दोनों ही अपूर्ण हैं।
◆क्योंकि जिन परिस्तिथियों में श्री कृष्ण ने अर्जुन से कर्म की बात कही उस समय बस कर्म प्रधान था क्योंकि बो कुरुक्षेत्र में अपने की स्वजनों से द्वंद करने जा रहे थे परंतु आज के प्रतियोगी युग मैं फल की चिंता ना करना मूर्खता होगी क्योंकि जब तक फल के बारे में नही चिंता करेंगे तब तक कैसे पता चलेगा की हम जो कार्य कर रहे है बो सही दिशा में कर रहे है या इसमे सुधार की जरूरत है।
◆और लॉ ऑफ अट्रेक्शन की बात कर तो यह सिर्फ फल के निरर्थक सपनो मैं रहने की बात करता है यदि इसको उपयोग में लेके सफल भी होते है तो ये हमारी महत्वाकांक्षाओं को इतना बढ़ा देगा कि हमने जो प्राप्त उसके छीनने का डर और जो नही है उसके प्राप्त करने की चिंता में लाके फसा देगा।
यदि आप सच में सफलता चाहते हो तो वही करो जो आपका दिल चाहता है और उसे प्राप्त करने के लिये अपना शत प्रतिशत देदो ।
धन्यवाद ☺️
Anandit भव:
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