Thursday, 17 January 2019

हिंदू मुस्लिम

अजीब महलूक है यारों,
जिसे हम इंसान कहते हैं।
आज एक बार फिर से
 हम अपने दिल का सच्चा बयान कहते हैं
 ना फर्क है किसी के लहू में,
ना ही हम अलग है एक दूसरे से मगर बस फर्क इतना है कि किसी को लोग हिंदू तो
किसी को मुसलमान कहते हैं।
जाती पाती के नाम पर इंसान ने बेच दिया जहां को
कुछ इसे कृपा, कुछ अल्लाह का फरमान कहते हैं।
हम तो सोच समझ कर भी नहीं समझ पाते यारों
कुछ ऐसी बातें यह नादान परिंदे बेजुबान कहते हैं।
 एक ही रिवाज,एक ही रस्म
बस कुछ अंदाजे बदल जाते हैं वरना है तो वहीं मेरे यारों
कुछ उसे उपवास तो कुछ उसे रमजान कहते हैं।
कुछ जाते हैं मंदिरों में,
कुछ मस्जिदों के रास्ते अपनाते हैं
पर मकसद तो सबका एक ही है जिसे लोग खुशी से फरियाद करते हैं।
वह एक ही हस्ती है जिसने ये जहां बनाया है
कुछ उसे सजदे में अल्लाह तो कुछ उसे झुककर भगवान कहते हैं
बस एक ही मंजिल है सबकी
बस लोगों के तराने बदलते रहते हैं
कुछ उसी जगह को स्वर्ग तो
 कुछ उसी जगह को जन्नत के दरबार कहते हैं।
 ना ही फर्क है तिनके का भी,
ना ही खून के रंग में फर्क है लेकिन यह बेवकूफी है या समझदारी
मुझे मालूम नहीं॰॰॰॰॰
मगर देखिए फिर भी
कुछ लोगों को लोग हिंदू और कुछ को मुसलमान कहते हैं
🇮🇳 जय हिंद  
वंदे मातरम्  
इंकलाब जिंदाबाद  
भारत माता की जय  
जय जवान जय किसान 🇮🇳

1 comment:

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