Thursday, 7 February 2019

अध्यापक के बारे में.........

नमस्कार ब्लॉगर परिवार
इस दुनिया में  परोपकार और असीम प्रेम का पर्याय यदि किसी शब्द को समझा जाए तो एक ही उत्तर निकल कर आता है, वह है गुरु। गुरु में हमारे माता पिता, हमारे आदर्श या हमारे शिक्षक शामिल हो सकते हैं।
वास्तव में एक शिक्षक के परोपकार से उऋण होने में सात जन्म का समय भी कम पड़ सकता है।
एक शिक्षक हमेशा अपनी जिंदगी के बेशकीमती समय की अपने विद्यार्थियों के हित में आहुति देता है।
भोजन करना सीखने से लेकर दुनिया के बड़े से बड़े अविष्कार में भी किसी गुरु की प्रत्यक्ष या पर्दे के पीछे की भूमिका अवश्य होती है।
हमारी माता से लेकर हर एक व्यक्ति जो हमारे काम आता है वह हमारा गुरु होता है
शिक्षक शब्द जिसे अंग्रेजी में टीचर (TEACHER)  कहा जाता है का मेरे अनुसार शाब्दिक अर्थ कुछ इस प्रकार है-
1.  T-Trainer( प्रशिक्षक)
2.  E-Encouraging( प्रोत्साहक)
3.  A-Architect( शिल्पकार या निर्माता जो देश के भावी।       कर्णधारों को शिक्षा देकर एक सभ्य इंसान बनाता है)
4.  C-Creator( सृजनकर्ता जो विद्यार्थियों के माध्यम से           देश को कुछ नया सृजित करके देता है)
5.  H- Helper( सहायक )
6.  E-Evaluator( मूल्यांकनकर्ता)
7.  R-Resistor( प्रतिरोधक जो विद्यार्थी को अनुचित काम      करने से रोकता है
अध्यापक के पास नौसिखिया बालक के रूप में गिली मिट्टी होती है जिससे वह दीपक बना सकता है जो सभी को प्रकाशमान करें या फिर कुल्हड़ जिसे दाह संस्कार के समय अवधि के साथ ले जाया जाता है।
अध्यापक अधिगम की रीड की हड्डी होता है। अध्यापक अधिगम की प्रक्रिया को कई प्रकार से नई चाल दे सकता है। अधिगम को रुचिपूर्ण बनाने में अध्यापक महती भूमिका होती है। अध्यापक अधिगम को रुचि पूर्ण बनाने में कुछ इस प्रकार के कार्य कर सकता है-
1- अपने विषय की प्रश्नोत्तरी का आयोजन करवाना।
2- विद्यार्थियों के सत्रीय कार्य को प्रदर्शनी के रूप में करवाना।
3- पढ़ाते समय विभिन्न चलचित्रों से संबंधित तथा अन्य जीवंत उदाहरणों का सहारा लेकर अधिगम का करवाना।
4- सभी विद्यार्थियों को समान प्यार देना ।
5- प्रत्येक विद्यार्थी से संबंध रखना तथा उसकी समस्याओं को जानना।

इस प्रकार गुरु संपूर्ण शिक्षण प्रक्रिया की नौका को चलाने वाला नाविक होता है और दुनिया का नायक होता है शिक्षा की गाथाओं का गायक होता है,
परोपकार की मूरत होता है और प्रेम और दया की सूरत  होता है

मेरे सभी गुरुजनों के चरणों में मेरा शत् शत् नमन।

धन्यवाद ब्लॉगर परिवार
         
                         जय हिंद जय भारत

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