आज का यह शीर्षक भारतीय संस्कृति के सुबह के आचारों पर केंद्रित है। सुबह की शुरुआत किस तरह होनी चाहिए । भारतीय संस्कृति के पुराणों में प्रात :स्मरण का उल्लेख है। बिस्तर छोड़ने से पूर्व प्रात : स्मरण श्लोक का उच्चारण और धरती मा पर पैर रखने से पूर्व क्षमा याचना करना।
ये मूल्य जिन्होने भारतीय संस्कृति को चरम बुलंदियों पर पहुंचाया, देखने में भले ही बहुत छोटी बातें लगती है। परंतु ये ही थी बाते और आचार जिन्होने हमे सोने की चिड़िया बनाया।
आज हमारी जिम्मदेदारी है कि हम अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए छोटी छोटी बातों से शुरुआत करे। प्रात : स्मरण श्लोक आगे लिखा है_
काराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।।1।।
हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी, मध्य भाग में सरस्वती तथा हाथ के मूल भाग में भगवान नारायण निवास करते हैं। अतः प्रातःकाल अपने हाथों का दर्शन करते हुए अपने दिन को शुभ बनायें।
शिक्षा परिदर्शन परिष्कार कॉलेज ऑफ ग्लोबल एक्सीलेंस के शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों द्वारा संचालित ब्लॉग है , जिसमें शैक्षिक नवाचार , शैक्षिक समस्या , शिक्षण विधियों - प्रविधियों की उपयोगिता पर सभी अपने विचार साझा करते हैं ।
Wednesday, 4 October 2017
सुबह की शिक्षा
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It should be
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