यह पंक्तियां भारतीय सैनिक के दर्शन को बताती हैं
भारत की सेवा का अपना यह मजबूत इरादा है
शीश नहीं झुकने दूंगा यह मेरा पक्का वादा है
सेना के प्रति मेरे मन में इज्जत खुद से ज्यादा है
मातृभूमि की रक्षा करना ही मेरी मर्यादा है
यह पंक्तियां घर से जाते समय सैनिक द्वारा अपने परिवार के साथ किए गए संवाद को व्यक्त करती हैं
देश को जरूरत है मेरी मैं रणभूमि में जाता हूँ
कायरता से दूर रहूंगा कसम आपकी खाता हूँ
देश के प्यार के आगे हम यह भौतिक प्यार गिरा देंगे
मौत राह में आ गई तो मौत को मार गिरा देंगे
यह पंक्तियां सैनिक के शहीद होने पर उसके संबंधियों की स्थिति के बारे में वर्णन करती हैं
देश का बेटा चला गया तब ही तो मातम छाया है
आया तो परसों ही है पर संग में तिरंगा लाया है
देशभक्तों के मन में अब जोरदार दी दस्तक है
कर्तव्यपरायणता से देवलोक नतमस्तक हैं
कहीं-कहीं बूढ़ी मां का इकलौता सहारा चला गया
सुनकर बेहोश हुई बहनें कि भाई हमारा चला गया
हर नैन को नीर से युक्त किया,बने हुए इस हाल ने
बोले पिताजी गर्व का काम किया है मेरे लाल ने
मेहंदी हाथों से ना छूटी और सुहाग किसी का चला गया
शादी से पहले ही जीवन का भाग किसी का चला गया
यह पंक्तियाँ भारत के सैनिक की महानता के बारे में बताती हैं
इतने पर जिसका खून ना खोले वह इंसान नहीं होगा
बड़े से बड़ा अरबपति भी सेना से महान नहीं होगा
हार्मोन बदले उसके भी उसमें भी जवानी थी
इन सब भटकाओं से ऊपर वतन की सेवा ठानी थी
यह पंक्तियां भारतीय सैनिकों के परिवारों के प्रति हमारे कर्तव्यों के बारे में बताती हैं
जिनका कोई नहीं रहा कभी कुशलक्षेम तो जाना करो
शहीद हुआ बेटा जिसका उस मां को तो पहचाना करो
रक्षक की संतानों को रक्षा का कंबल दिया करो
जब कोई विपत्ति आए तो तुम जाकर संभल दिया करो
रक्षाबंधन पर कलाई उस बहन को भी दिया करो
जो देश की रक्षा कर गए उनके परिवारों की तो रक्षा किया करो
सीमा से फौजी आए तो हाथ जोड़ अभिनंदन हो
ईश्वर की स्तुति संग अब शहीदों का भी वंदन हो
मनोरंजन की छोड़ किताबें शौर्य गाथा पढ़ा करो
जो राजनीति शहादत पर करते आज दुकानें बंद हो
आज सुरक्षित देश है तो कल का भी प्रबंध हो
जय हिंद जय भारत जय भारतीय वीर जय भारतीय सेना