नमस्कार ब्लॉगर परिवार
जो सुना न पाया आज तक वह गीत सुनाने आया हूं
जो दिल में गाता है मेरा, वह संगीत सुनाने आया हूं
क्या खूब कहूं यह आपके प्यार की कहानी है
भले ही दुनिया क्यों ना कह दे कि यह मनमानी है
पर यदि मैं वीर था तो अभिनंदन बना दिया आपने
अगर मैं गीत था तो वंदन बना दिया आपने
यदि मैं हल्दी था तो चंदन बना दिया आपने
यदि मै धड़कन था तो स्पंदन बना दिया आपने
परोपकारी झरने हो आप और ज्ञान के सागर हो
आप ही हो साक्षात् प्रभु,आप ही गिरिधर नागर हो
आपकी कृतज्ञता से मुकर जाऊं तो यह सबसे बड़ा पाप है
सच कहूं तो विद्या के इस मंदिर में आप ही मां-बाप है जीत की जंग छेड़ने को आपका एक वाक्य काफी है
कितनी बार टाला आपने और कितनी बार दिया माफ़ी है
सही कहूं तो आप लोहे को सोना बना सकते हो
वह कलाकार हो आप जो अव्यवस्थित मिट्टी को खिलौना बना सकते हो
सारी दुनिया कहती है आप राष्ट्र के निर्माता हो
जी हां सही सुना आप ही भारत भाग्य विधाता हो
अगर यह फूल खिला तो आपके भी गुणगान होंगे
मैं बड़ा बन पाऊं या नहीं हमेशा मेरे लिए महान होंगे
बस यही कहना है मेरा,मैं शांति और चैन पर अमन करता हूं।
मैं राजेन्द्र आप सभी गुरुजनों को नमन करता हूं
धन्यवाद ब्लॉगर परिवार
जय हिंद जय भारत जय भारतीय वीर जय भारतीय सेना
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