Wednesday, 20 November 2019

शहीद 🔥भगतसिंह🔥 साहेब

आजादी का एक दीवाना नाम भगत सिंह लिखता था
गली के बाकी सारे बच्चो जैसा ही तो दिखता था
सब गुड्डे गुड़िया खेलते थे उसको आजादी प्यारी थी
उसके दिल में इंक़लाब की दबी हुई चिंगारी थी
उसकी आँखों के ही सामने जलिया वाला बाग़ हुआ
जनरल डायर के आदेशो पर वो खूनी फाग हुआ
उस दबी हुई चिंगारी ने फिर जन्म दिया एक ज्वाला को
क्रन्तिकारी बना भगत सिंह,त्याग प्रेम की माला को
सांडर्स को मारा बलिदानो की कसम भगत ने खाई थी
किये धमाके संसद में और बेहरो को गूँज सुनाई थी
भेजा जेल भगत सिंह को, उलटी गोरों की चाल हुई
पहली बार ११६ दिन की भूख हड़ताल हुई
भगत सिंह को पीटा और सुखदेव गुरु का संग मिला
ज़ख़्म से रिसते लहू में उनके आजादी का रंग मिला
वो अड़ा रहा की जिसने सपने इंक़लाब के देखे थे
उस मुछ की ताव के आगे घुटने गोरों ने भी टेके थे
दोषी सिद्ध हो रहे थे वो मौत का पंजा कसता था
जज को देखकर भगत सिंह दीवानों जैसा हँसता था
जो चाहा था भगत ने आखिर का वो अंजाम हुआ
तीनों को फांसी दी जाये, फिर कोर्ट में ये ऐलान हुआ
माँ से मिलकर बोला बेबे मैं दूध का कर्ज चुकाऊंगा
हर आजादी के दीवाने में नज़र तुझे में आऊंगा
माँ से बोला रोना मत, ये भारत मेरी माता है
रोये या गर्व करे माँ के तो कुछ भी समझ न आता है
२३ मार्च का दिन आया ये भूमण्डल भी डोल उठा
जेल का हर इक कोना उस दिन रंग दे बसंती बोल उठा
भगत सिंह की अमित शहादत नियति भांप गयी होगी
जब चूमा होगा भगत सिंह ने रस्सी काँप गई होगी
पत्थर से दिलवाले गोरों के दिल भी पिघल गए होंगे
जल्लादों की आँखों से भी आसूं निकल गए होंगे
देह छोड़ दी भगत सिंह ने, एक इबादत गूँज उठा
इंक़लाब के नारों से ये सारा भारत गूंज उठा
२३ साल का एक लड़का जो आज़ादी का दीवाना था
शहीदे -इ- आजम वो कहलाया, तुम्हे यही बतलाना था
आजादी के अफ़सानो जब जब एक शायर गाएगा
सुखदेव भगत और गुरु तुम्हारा नाम हमेशा आएगा।
🇮🇳इंक़लाब ज़िंदाबाद🇮🇳
👉दीवाना भगतसिंह का👈

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