Saturday, 20 January 2018

आज का युग और अहिंसा

" है कौन सी जगह आराम आज कल
कातिल जो घूमते हैं खुलेआम आजकल

सहमा हुआ है इस कदर से आम आदमी
कि डरते हैं सुबह -शाम को टहलने में आजकल "

      

             21वी सदी का आरंभ मानवता की चीत्कार के साथ हुआ | यह चीत्कार दिनों दिन बढ़ती जा रही है यह हिंसा का प्रतिफलन है  |इसे रोकने के प्रयास वैश्विक स्तर पर जितने किए जाते रहे हैं यह उतनी ही दिनों दिन वृद्धि करती जा रही है |पूरे विश्व में एकमात्र संस्कृति का मूल ही इसे रोकने में सफल हो सकता है और वह संस्कृति है जो गौतम बुद्ध ऋषभदेव से आरंभ होकर आधुनिक युग पुरुष गांधी द्वारा पुनर्जीवित बा प्रतिष्ठापित किए जाने के पश्चात आज अन्ना हजारे के रूप में उसके शेष कुछ पंक्तियों में मानव स्वयं को खड़ा कर पाने की कोशिश कर रही है यहां हम बात कर रहे हैं भारतीय संस्कृति की. |

             वर्तमान समय में मानवता यदि कहीं सुरक्षित रह सकती है तो "वसुदेव कुटुंबकम "और "अहिंसा परमो धर्म "जैसे मंत्रों में |भगवान महावीर ने कहा था किसी भी मनुष्य पर हुकूमत मत करो उसे अपने आधार बनाकर मत रखो यह अहिंसा का मूलमंत्र है और यही मूल मंत्र इस दुनिया की हिंसकवृत्ति से रक्षा कर सकता है|

Friday, 19 January 2018

बाल मनोविज्ञान

बाल मनोविज्ञान मनोविज्ञान का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें बालक के सभी आयामों का अध्ययन किया जाता है और बालक के विकास एवं अभिवृद्धि का विशेष रुप से अध्ययन होता है। विकास से तात्पर्य बालक के सामाजिक संवेगात्मक शारीरिक मानसिक आदि क्षेत्रों से है जबकि अभिवृद्धि से तात्पर्य केवल शारीरिक क्षेत्र की वृद्धि है जो परिपक्वता पाकर रुक जाती है परंतु विकास जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है विकास कई नियमों एवं सिद्धांतों के आधार पर होता है जिसमें निरंतरता वर्तुल गति  निकट से दूर की ओर  Adi बालक का विकास शैशवावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक चलता रहता है शैशवावस्था के बाद बाल्यावस्था तथा बाल्यावस्था के बाद किशोरावस्था आती है हर अवस्था वृद्धि और विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रखती है। शैशवावस्था में बालक कई महत्वपूर्ण अवस्था जैसे कि मोरो, रूटिंग, बेबीन्स्की आदि के दौर से गुजरता है।नवजात शिशु का भार 7.15 पौंड व लंबाई लगभग 19-20 इंच होती है।मस्तिष्क का भार 350 ग्राम एवं शारीर में हड्डियों की कुल संख्या 270 होती है। जन्म के समय बालक के दाँत नहीं होते है लेकिन शुरू के 7-8 में दूध के दाँत आना शुरू हो जाते हैं जो कुल 20 होते हैं।...........