नमस्कार दोस्तों
एक बार फिर से आप सभी का हार्दिक स्वागत है आप के अपने ब्लॉग शिक्षा परिदर्शन पर
आशा करता हूं कि आप सभी सकुशल होंगे और अपने तर्क क्षमता को बढ़ाने और जिज्ञासाओं का अनुसरण करके आगे बढ़ने की प्रवृत्ति को अपना रहे होंगे।
इसी क्रम में आज आप सबके सामने प्रस्तुत है एक देश एक चुनाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे के पक्ष और विपक्ष में तर्क-
एक देश एक चुनाव के पक्ष में तर्क:
- एक देश एक चुनाव होने से आर्थिक व्यय कम होगा।
- देश सदाबहार चुनाव मोड से बाहर होगा और राजनेताओं को विकास पर ध्यान केंद्रित करना पड़ेगा।
- चुनाव के समय देश के सामाजिक ताने-बाने में जो अस्थिरता आती है उसमें कमी होगी।
- एक से अधिक प्रतिनिधियों को एक साथ जुड़ने के अवसर के महत्व को समझते हुए मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा।
- मतदाताओं को देश के कर्णधारों का मूल्यांकन करने का मौका भी मिलेगा।
- एक ही मतदाता सूची तैयार की जा सकेगी जिससे चुनाव आयोग का कार्य आसान होगा।
- चुनाव के समय शिक्षा और प्रशासन में भारी बदलाव होते हैं शिक्षकों को बार बार चुनाव ड्यूटी में जाना पड़ता है इससे निजात मिल पाएगा और शिक्षा व्यवस्था समुचित रूप से चल पाएगी।
एक देश एक चुनाव के विपक्ष में तर्क:-
- देश के अर्ध संघात्मक स्वरूप को क्षति पहुंच सकती है।
- स्थानीय मुद्दे गौण हो जाएंगे।
- सत्ताधारी दल निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए अन्य दलों को दबा सकता है।
- व्यावहारिक रूप से एक साथ चुनाव कराने के संसाधन उपलब्ध नहीं है।
- बीच में ही सरकारें गिरने की स्थिति में बहुत सारे राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना है।
- राज्य चुनाव आयोग की शक्तियां कम हो जाएंगी
- मतदाता निर्णय सही से नहीं ले पाएंगे और उहापोह की स्थिति में आ जाएंगे।
एक देश एक चुनाव एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बना हुआ है दोस्तों इसके समर्थक इसे लोकतंत्र के लिए संजीवनी बताते हैं तो वहीं विरोधी इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर लटकती तलवार के समान बताते हैं।
आपकी इस बारे में क्या राय है कृपया कमेंट बॉक्स के माध्यम से बताएं।
धन्यवाद
WRITER - RAJENDRA INDIAN
जय हिंद जय भारत जय भारतीय वीर जय भारतीय सेना